शनिवार, 4 अप्रैल को यानी आज कामदा एकादशी का व्रत किया जाएगा। एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और दिनभर संयम से रहकर व्रत रखा जाता है। एकादशी व्रत करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं। विष्णु पुराण और धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार इस पर्व पर खास तरह की चीजें और अन्न नहीं खाना चाहिए। वहीं आदतों को लेकर संयम रखना चाहिए और दिनभर होने वाले कामकाज में भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
धर्म ग्रंथों के अनुसार एकादशी तिथि पर क्या खाएं, क्या करें और क्या करने से बचें
एकादशी पर क्या करें और क्या नहीं
- एकादशी तिथि में पेड़-पौधों के फूल एवं पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। विष्णुजी की पूजा में तुलसी पत्ता चढ़ाना है तो उसे एक दिन पहले ही तोड़कर रख लेना चाहिए।
- एकादशी के एक दिन पहले ही सूर्यास्त से पहले घर पर झाड़ू लगा करके सफाई कर लें, क्योंकि एकादशी पर झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से गलती से हमसे चींटी और सूक्ष्म जीव मर जाते हैं और इससे पाप लगता है। इसलिए एकादशी के दिन झाड़ू ना लगाएं।
- एकादशी तिथि पर बाल, दाढ़ी व नाखून न काटें इस दिन भोग-विलास से भी दूर रहना चाहिए।
- एकादशी के दिन किसी की बुराई न करें और गलती से भी गरीब एवं उम्र में बड़े लोगों का अपमान न करें और न ही झूठ बोलें।
- एकादशी पर्व पर गुस्सा और विवाद करने से भी बचना चाहिए।
- एकादशी व्रत में रात को सोना भी नहीं चाहिए। पूरी रात जागकर भगवान विष्णुजी का भजन-कीर्तन करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु की कृपा मिलती है।
क्या खाएं और क्या नहीं
- एकादशी के दिन भूलकर भी चावल नहीं खाने चाहिए| विष्णु पुराण के अनुसार एकादशी पर चावल खाने से पुण्य फल नष्ट हो जाते है। क्योंकि चावल को हविष्य अन्न कहा गया है, यानी ये देवताओं का भोजन है।
- एकादशी तिथि पर जौ, मसूर की दाल, बैंगन और सेमफली नहीं खानी चाहिए।
- एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में मीठा पान चढ़ाया जाता है इसलिए इस दिन पान खाना भी वर्जित है।
- एकादशी पर्व पर मांस, मदिरा, प्याज़, लहसुन जैसी तामसी चीजों से भी दूर रहना चाहिए।
- इस दिन किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा दिया गया अन्न भी ग्रहण नहीं करें, इससे पुण्य नष्ट हो जाते है।